फरीदाबाद: दोपहर बाद से सोशल मीडिया पर एक खबर चल रही है जिसमे कहा जा रहा है कि फरीदाबाद में फरीदाबाद में 6 अन्य कोरोना पॉजिटिव मरीजों की हुई पुष्टि हुई है और संख्या कुल मिलाकर अब फरीदाबाद में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने अपने बुलेटिन में इसकी कोई जमकारी नहीं दी है। सूत्रों की मानें ये खबर सत्य है और 6 लोगों में से 5 नेपाल के रहने वाले हैं। मामला बड़खल का है और इनका तबलीगी जमात से कनेक्शन भी है।
तब्लीगी जमात की बात करें तो देश में 35 फीसदी से ज्यादा कोरोना के मामले इसी जमात से हैं और इन जमातियों के कारण मुस्लिम समुदाय के अच्छे लोग भी बदनाम हो रहे हैं इसका उदाहरण शहर के एक राशन डिपो पर दिखा जहां राशन के लिए लम्बी लाइन लगी थी लेकिन लाइन में राशन के लिए एक खान साहब भी आ खड़े हुए उसके बाद लाइन में लगे लोग भाग खड़े हुए। पहले लोगों ने खान साहब को घूरकर देखा उसके बाद खुसुर-पुसुर शुरू हो गई और फिर लाइन में खड़े लोग अपने घर चले गए। जाते वक्त लोग कोरोना आ गया बोल रहे थे। डिपो धारक के साथ खान साहब भी हैरान रह गए।
देश की आजादी में मुस्लिम समाज का भी योगदान है और समाज के तमाम लोगों ने कुर्बानी दी लेकिन वर्तमान में तबलीगी जमाती इस समाज को हद से ज्यादा बदनाम करवा रहे हैं। कोई आइसोलेशन में नर्सों के सामने कपडे उतार रहा है। कोई भैंसा बिरयानी खाने को मांग रहा है तो कोई कमरे के बाहर शौंच कर रहा है। तो कोई लाजबाब भोजन न मिलने से अस्पताल से फरार हो जा रहा है तो कोई इलाज करने वाले डाक्टरों पर थूक रहा है। इन सबको निजामुद्दीन मरकज में न जाने क्या सिखाया गया जो ये अपने ही समाज के दुश्मन बन बैठे हैं। अपने समाज में ज्यादा कोरोना फैला रहे हैं और समाज के लोग हिन्दुस्तान के लोग हैं इसलिए सरकार इनका टेस्ट करवा रही है। इनका इलाज करवा रही है क्यू कि किसी भी समाज के लोगों की मौत कोरोना से हो गिनती में आएगा कि भारत में इतनी मौतें कोरोना से हुईं हैं।
सरकार इन्हे देश की जनता मान अपना फर्ज निभा रही है लेकिन ये अब भी खुद को अफजल समझ रहे हैं। और इन्हे लगता है कि सरकार इन्हे फांसी पर चढ़ा देगी। ऐसा वो सोंचते हैं जो गलत होते हैं। मरकज अब बदनाम हो रहा है इन जमातियों के कारण? इनकी हरकतें देख इनके समाज के शिक्षित लोग भी दुखी हैं। दो-तीन हजार जमातियों के कारण करोड़ों अल्पसंख्यक बदनाम हो रहे हैं।
सोशल मीडिया पर बहिष्कार अभियान चल रहा है। कोई लिख रहा है कि ये सब्जी बेंचें तो न खरीदी जाए, कोई लिख रहा है कि इनसे मीट मुर्गा, मछली न खरीदी जाये तो कोई लिख रहा है कि इनके सैलून पर न जाएँ। ये जमाती वर्तमान समय में अपने समाज के सबसे बड़े दुश्मन बन गए हैं। इनके आका ने पहले दिल्ली पुलिस की बात नहीं मानी फिर इन्हे देश भर में कोरोना लेकर भेज दिया और देश के 280 से ज्यादा जिलों में कोरोना जमात के कारण फैला और आर्थिक राजधानी मुंबई, देश की राजधानी दिल्ली में जमात के कारण कोरोना कोहराम मचा रहा है। कुछ जाहिलों की जाहिलता मुस्लिम समाज के साथ साथं पूरे देश पर भारी पड़ रही है।
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